यदि मैं वित्तमंत्री होता हिंदी निबंध | if i were the finance minister of india essay in hindi

 

 यदि मैं वित्तमंत्री होता हिंदी निबंध | if i were the finance minister of india essay in hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम  यदि मैं वित्तमंत्री होता हिंदी निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे। 

' फरवरी महीने की अंतिम तारीख थी। उस दिन संसद में हमारे देश के माननीय वित्तमंत्री देश का वार्षिक बजट पेश करने वाले थे। पिताजी, बड़े भाई साहब, चाचाजी, सभी लोग दूरदर्शन पर आँखें गड़ाए हुए थे। उत्सुकता के कारण मैं भी उस समय दूरदर्शन के सामने बैठा हुआ था। 


ठीक समय पर वित्तमंत्री महोदय ने बजट प्रस्तावों को पढ़ना शुरू किया। मैं कुछ विशेष तो समझ नहीं पाया, पर रह-रहकर सोचता रहा-काश, मैं वित्तमंत्री होता !



यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो सबसे पहले देश में फैली बेकारी कम करने के लिए प्रभावकारी उपाय करता। बेकारी दूर करने के लिए मैं लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देता। इन उद्योगों को लगाने के लिए आसान शर्तों पर ऋण तथा कर संबंधी सुविधाएँ प्रदान करता। इसके साथ-साथ मैं कल-कारखानों में उत्पादन बढ़ाने और तालाबंदी तथा श्रमिकों की छंटनी रोकने के उपाय करता।



हमारे देश के लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो कृषि-विकास पर विशेष ध्यान देता। मैं ऐसी व्यवस्था करता कि किसानों को कृषि यंत्र, रासायनिक उर्वरक, सुधारित बीज, कीटनाशक आदि खरीदने के लिए बैंकों से आसान शर्तों पर ऋण मिल सके। 



कृषि के साथ-साथ पूरक व्यवसाय शुरू करने के लिए किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएँ देता। इसके साथ ही कृषि उपजों की कीमतें इस प्रकार निर्धारित करता जिससे खेती करना घाटे का सौदा न रहे।

इस देश में अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ सड़कों तथा रेलमार्गों के निर्माण की बहुत जरूरत है। 



यदि मैं वित्तमंत्री होता तो इन क्षेत्रों में सड़कें बनवाने तथा रेलमार्ग बिछवाने के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था करता।

इससे इन क्षेत्रों का विकास होता तथा बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलता। मैं देश के बंदरगाहों के विकास की ओर भी ध्यान देता और उनकी देखरेख तथा नए बंदरगाहों के निर्माण के लिए विशेष प्रयास करता। इससे देश के आंतरिक तथा विदेशी व्यापार में वृद्धि होती और सरकार को विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती।




हमारे देश को काफी लंबे समुद्री किनारे का वरदान मिला है। इसके साथ ही, यहाँ नदियाँ भी बहुत बड़ी संख्या में है। इन सुविधाओं के कारण, इस देश में अंतर्देशीय और सागरीय मत्स्योद्योग के विकास के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं।



 यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो मत्स्योद्योग के अधिकाधिक विकास के लिए भरसक कोशिश करता। मछुआरों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ लागू करवाता और मत्स्योद्योग में लगनेवाले यंत्रों, जाल आदि खरीदने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता दिलवाता।




। भारत ने विश्व व्यापार संगठन' की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इसके कारण यहाँ व्यापार करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आना शुरू हो गया है। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो इस बात का ध्यान रखता कि इस देश के बाजार सस्ते विदेशी माल से पटने न पाएँ। इसके लिए मैं विदेशी माल पर आयात शुल्क लगाता तथा इस देश के उद्योगों को सुविधाएँ प्रदान करता, ताकि वे खूब विकसित हो सकें और उनमें बननेवाले सामान विदेशी सामानों से हर प्रकार से टक्कर ले सकें। 



 हमारे देश के लोगों में बिक्रीकर और आयकर न चुकाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो बिक्रीकर और आयकर की वसूली कड़ाई से करवाता। मैं आयकर जमा करने की पद्धति को यथासंभव सरल बनाता ताकि लोगों को आयकर जमा करने में सुविधा हो और कर-दाताओं की संख्या बढ़े।



हमारे देश का व्यापार-संतुलन हमेशा प्रतिकूल रहा है। इसका एक प्रमुख कारण है, विकास कार्यों के लिए विदेशों से ऋण लेना। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो देश का निर्यात अधिक से अधिक बढ़ाने का प्रयत्न करता, जिससे हमारे व्यापार-संतुलन की प्रतिकूलता कम हो और हम जल्दी से जल्दी विदेशों से लिए हुए ऋण को चुका सकें।




इस देश की आय का बहुत बड़ा भाग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन आदि पर खर्च हो जाता है। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो सरकारी कर्मचारियों पर होनेवाले खर्च को कम करने की कोशिश करता।

यदि मैं वित्तमंत्री होता,



तो देश की कल्याणकारी योजनाओं के लागू होने में धन की कमी को आड़े न आने देता। देश के सांस्कृतिक विकास पर भी मैं ध्यान देता। इसके लिए मैं बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, कलाकारों आदि को आर्थिक रूप से प्रोत्साहन देने की भी व्यवस्था करता।



अनेक कारणों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे रुपये की कीमत गिरती जा रही है। यदि मैं वित्तमंत्री होता, तो रुपये की कीमत में स्थिरता लाने का भरसक प्रयास करता। मैं पूरी कोशिश करता कि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में हमारे देश की साख बनी रहे, जिससे बहराष्ट्रीय कंपनियाँ यहाँ अधिकाधिक पूँजी लगाने को उत्सुक हों।

काश, मैं अपने देश का वित्तमंत्री होता। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।