अगर देश में पुलिस न होती हिंदी निबंध | If there were no police essay in hindi

 

 अगर देश में पुलिस न होती हिंदी निबंध | If there were no police essay in hindi 

नमस्कार  दोस्तों आज हम  अगर देश में पुलिस न होती हिंदी निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे।  कुछ वर्षों पूर्व मुंबई महानगर में पुलिसकर्मियों की हड़ताल हो गई थी। यह हडताल चली तो एक ही दिन थी, लेकिन उस एक दिन में ही इस महानगर में जो अराजकता फैली थी, उसकी याद से आज भी जी घबरा उठता है।


जब पुलिस की एक दिन की हड़ताल का इतना भयानक परिणाम हो सकता है, तो उसके बिलकुल न रहने से स्थिति कितनी बिगड़ जाएगी, इस कल्पना से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आम जनता का सुख-चैन बनाए रखने के लिए हर देश में पुलिस की व्यवस्था रहती है। इस प्रकार की व्यवस्था किसी न किसी रूप में प्राचीन काल से ही चली आ रही है।


पुलिस ही देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखती है, लोगों से कानून का पालन करवाती है और कानून तोड़नेवालों को न्यायालय के सामने पेश करती है। इसलिए यह कल्पना ही बहुत डरावनी है कि यदि देश में पुलिस न हो, तो...?यदि देश में पुलिस न हो, तो चारों ओर अव्यवस्था फैल जाएगी। 


सत्ताधारी व्यक्ति और धन के नशे में उन्मत्त लोग मनमाना आचरण करने में नहीं हिचकिचाएँगे। पुलिस ही ऐसे लोगों से कानून और व्यवस्था का पालन करवाती है और उन्हें काबू में रखती है। यदि पुलिस न हो, तो सत्ताधारियों और धन के नशे में उन्मत्त लोगों के आचरण से नागरिकों की धन-संपत्ति और उनका जीवन खतरे में पड़ जाएगा। फिर तो समाज में 'जिसकी लाठी, उसकी भैंस ' वाली कहावत चरितार्थ होने लगेगी।


यदि देश में पुलिस न हो तो चोरियों, डकैतियों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी। गुंडों, बदमाशों की बन आएगी। वे दिन-दहाड़े डाका डालने और लोगों को लूटने लगेंगे। फिरौती वसूल करने के लिए धनी व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों का अपहरण किया जाने लगेगा। 


औद्योगिक प्रतिष्ठानों की शांति भंग हो जाएगी। सड़कों पर चलनेवाले वाहन निरंकुश हो जाएँगे। लुटेरों के डर से व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों का कामकाज बंद कर देंगे। बैंकों की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जाएगी। बलवान निर्बलों की जमीन-जायदाद पर जबर्दस्ती कब्जा करने लगेंगे। चारों तरफ अराजकता का बोलबाला हो जाएगा।


देश में पुलिस न रहने पर जमाखोरों की बन आएगी। वे बनावटी अभाव की स्थिति पैदा कर वस्तुओं के भाव बढ़ा देंगे। कालाबाजारियों की पौ-बारह हो जाएगी और भ्रष्टाचार का तांडव नृत्य होने लगेगा। विदेशी माल की धड़ल्ले से तस्करी होने लगेगी।


देश की अमूल्य कलाकृतियाँ विदेशियों के हाथ कौड़ियों के मोल बेची जाने लगेंगी। खुले आम रिश्वत की लेन-देन होने लगेगी। देश की प्रगति के लिए बनाई गई योजनाएँ कागज पर ही धरी रह जाएँगी। संपूर्ण शासनतंत्र पंगु हो जाएगा और देश की आंतरिक शांति नष्ट हो जाएगी।


आजकल आतंकवाद की विकट समस्या सबको परेशान किए हुए है। आतंकवादी सामान्य जनता में इस प्रकार घुले-मिले रहते हैं कि उन्हें पहचान पाना असंभव होता है। पुलिस ही इन आतंकवादियों को पहचान कर पकड़ती है और उन्हें कानून के हवाले करती है।


यदि पुलिस न हो, तो ये आतंकवादी जनता को खुले आम संत्रस्त करने लगेंगे और देश भर में अराजकता फैला देंगे।वर्तमान समय में चारों ओर मादक पदार्थ तथा नशीली दवाइयाँ धड़ल्ले से बिक रही हैं।


देश का युवावर्ग इन मादक पदार्थों का सेवन कर अपना जीवन बरबाद कर रहा है। पुलिस ही इन मादक पदार्थों का व्यापार करनेवाले 'माफिया' गिरोहों का पता लगाती औरउन्हें पकड़कर उचित सजा दिलवाती है। यदि पुलिस न हो, तो देश की रीढ़ में घुन लगानेवाले इन देशद्रोहियों को काबू में कौन रखेगा? तब तो उनकी बन आएगी और वे देश को रसातल पहुँचा देंगे।


किंतु यह असंभव है कि देश में पुलिस न हो। पुलिस जनता और देश की संरक्षिका है। राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस की अनिवार्यता तो है ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपराधों की रोकथाम के लिए 'इंटरपोल' की स्थापना की गई है। निस्संदेह पुलिस विभाग में भी कुछ कमजोरियाँ हैं।


 परंतु पुलिस कर्मचारियों को समुचित शिक्षा देकर और उनके जीवन-स्तर को ऊँचा उठाकर इन कमजोरियों को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।