कल्पना चावला हिंदी निबंध
कल्पना
चावला 43 वर्ष पूर्व, 1961 में हरियाणा राज्य के कर्नाल जिले में कल्पना
चावला का जन्म हुआ था। उन्होंने टैगोर बाल विद्यालय से अपनी प्राथमिक
शिक्षा ग्रहण की। अपने शैशवकाल से ही वह एक होनहार लड़की थी। वह बुद्धिमती
भी थी और स्फूर्तिशाली भी।
उन्होंने पंजाव
विश्वविद्यालय में वैमानिकी (ऐअरोनॉटिक्स) में दाखिला लिया। वैमानिकी में
दूसरी कोई छात्रा नहीं थी। कल्पना चावला अत्यधिक जिम्मेदार लडकी थी।
विज्ञान में उनकी तीव्र रुचि थी जिस की प्रशंसा उस के अध्यापक भी करते थे।
अन्तरिक्ष में जाने के वह सदा स्वप्न लिया करती थी। उस के लक्ष्य की
प्राप्ति में उक के पिता ने उसे प्रेरणा दी और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के
लिए उसे प्रोत्साहन दिया।
बाद
में, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह विदेश में गई। उस ने 1984 में
अमेरिका में स्थित Texas विश्वविद्यालय से वायु-आकाश (Aero-space)
इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीण की। तत्पश्चात् उन्होंने
कोलोरोडो विश्वविद्यालय से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने नासा
में स्थित AIMS रिसर्च (अनुसंधान) केन्द्र में अपनी जीवनवृत्ति आरम्भ की।
1993
में कैलिफोर्निया के ओवरसैट पैठाटैन्क की वे उप-चेयर पर्सन बन गई। अगले ही
वर्ष नासा द्वारा अन्तरिक्ष यात्री के रूप में उन्हें स्वीकार कर लिया
गया। परिणामस्वरूप, 1995 में वह अन्तरिक्ष का सदस्य बन गई। अन्तरिक्ष में
जाना उस के जीवन का स्वप्न तथा अभिलाषा थी। चन्द्रमा पर पदार्पण करने की उस
की तीव्र इच्छा थी।
- 16 जनवरी 2003 को कल्पना
चावला को अन्तरिक्ष में जाने का दोबारा अवसर मिला। उस के सात साथी थे। उस
ने अन्तरिक्ष का कार्य बड़ी वीरता से सम्पन्न किया और वह पृथ्वी की ओर लौट
रही थी। दुर्भाग्यवश, 2 लाख फुट की ऊँचाई पर कोलम्बिया नामक उस का
अन्तरिक्ष शटिल विस्फोटिक हो गया। कल्पना चावला की मृत्यु के हृदय विदारक
समाचार ने उस के अध्यापक, उस के स्कूली साथियों और विशेषतौर पर नासा के
स्टॉफको शोक संतप्त कर दिया।
समूचा विश्व, शोक
में डूबा गया जब जंगल की आग की तरह वह समाचार सारे संसार में फैल गया।
कल्पना चावला उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं जो अन्तरिक्ष
में जाना चाहती हैं।