अब पछताए क्या होता पर निबंध | Ab pachtaye hot kya in hindi essay

 

अब पछताए क्या होता पर निबंध | Ab pachtaye hot kya in hindi essay

नमस्कार  दोस्तों आज हम अब पछताए क्या होता पर निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे। अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत।। इसका अर्थ यह है कि जब आपकी युवावस्था थी और शरीर में शक्ति थी, तब तो आपने ईश्वर से प्रेम किया नहीं। अब वृद्धावस्था आ गई है और आपका शरीर कमजोर हो गया है, तो आप पछता रहे हैं। 



अब पछताना बेकार है। चिड़ियों द्वारा खेती चुग लिए जाने के बाद अपने आलस्य पर पछताना व्यर्थ है। वैसे, इस लोकोक्ति का तात्पर्य यह है कि उचित अवसर हाथ से निकल जाने पर पश्चात्ताप करना बेकार है। मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है। उसके लिए किसी एक विषय पर अधिक देर तक ध्यान केंद्रित किए रहना कठिन होता है।


 वह वर्तमान पर विशेष ध्यान नहीं देता और भविष्य की चिंता में हाथ आए अवसरों को भी गवाँ देता है। जब हाथ से मौका निकल जाता है, तब वह हाथ मलकर पछताने लगता है। किंतु मौका निकल जाने पर पछताना व्यर्थ है। मनुष्य स्वभाव से ही लापरवाह होता है। 



वह आज का काम कल पर टालता रहता है। किंतु टालने से तो काम पूरा होता नहीं। हाँ, काम का ढेर जरूर बढ़ता जाता है और एक दिन आदमी काम के ढेर तले दब जाता है। तब वह समय को व्यर्थ गँवाने के लिए अपने-आपको कोसने और पछताने लगता है।



इसलिए अपना काम ठीक समय पर कर लेना चाहिए, जिससे पछताने की नौबत न आने पाए। गोस्वामी तुलसीदासजी ने भी यही संदेश दिया है



तृषित वारि बिनु जो तनु त्यागा, मुए करै का सुधा तड़ागा।

का वर्षा जब कृषी सुखाने, समय चूकि पुनि का पछिताने।।



समय हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। पर इसके लिए हमें कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता। इसलिए हम इसके महत्त्व की ओर ध्यान नहीं देते। जो समय बीत जाता है, उसे किसी भी तरह फिर से प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए हमें समय को कभी व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। 



अंग्रेजी में एक कहावत है- 'Time and tide wait for none' अर्थात समय और ज्वार की लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं। हमें इस कहावत में व्यक्त किए गए सत्य को सदा स्मरण रखना चाहिए और हमेशा समय का सदुपयोग करना चाहिए।


समय का सदुपयोग करने अथवा हाथ आए अवसरों से लाभ उठाने के लिए हमें अपनी कल्पना और विचारशक्ति से काम लेना चाहिए। हमें अतीत की घटनाएँ याद रखनी चाहिए। वर्तमान के घटनाचक्र को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए। इसके बाद इस बात का अनुमान लगाना चाहिए कि भविष्य में घटनाएँ कौन-सा मोड़ लेंगी। 


इस प्रकार विचार करने पर ही हम हाथ आए अवसरों को पहचान सकेंगे और समय का सदुपयोग कर उनसे लाभ उठा सकेंगे। यह विचार-प्रक्रिया कठिन तो जरूर है, किंतु जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए इसका अनुसरण करना अत्यावश्यक है। अन्यथा हाथ आया अवसर निकल जाएगा और हम पछताते रह जाएँगे। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य है।


आलस्य एक ऐसा राजरोग है जिसका रोगी कभी नहीं सँभलता। हमें सदा याद रखना चाहिए कि मनुष्य का जीवन बहुत छोटा होता है। इस छोटी-सी जिंदगी में हमें बहुत-से काम करने हैं। हम इन कार्यों को तभी पूरा कर पाएँगे, जब हम समय का सदुपयोग करेंगे।


हाथ आए अवसर का भलीभाँति उपयोग करने पर ही हम व्यर्थ की चिंता, मानसिक तनाव, अवमानना आदि से बच सकेंगे। इसलिए हमें सदा समय की महत्ता को ध्यान में रखना चाहिए और आलस्य त्याग कर हाथ आए मौकों से सतर्कतापूर्वक लाभ उठाना चाहिए। अन्यथा निरर्थक पश्चात्ताप ही हमारे हाथ लगेगा। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।