कम्प्यूटर युग हिंदी निबंध | computer era essay in hindi

 

कम्प्यूटर युग हिंदी निबंध | computer era essay in hindi 

नमस्कार  दोस्तों आज हम कम्प्यूटर युग हिंदी निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे।  मनुष्य की मूल प्रवृत्तियों में 'जिज्ञासा' अथवा 'जानकारी प्राप्त करने की इच्छा' प्रमुख है। विज्ञान तथा तकनीक के क्षेत्र में मनुष्य की जो भी उपलब्धियाँ दिखाई देती हैं, वे उसकी जिज्ञासा के कारण ही उसे प्राप्त हुई हैं। मनुष्य की जिज्ञासा ने विज्ञान तथा तकनीक के क्षेत्र में क्रांति कर दी है और इस क्रांति के केंद्र में है कम्प्यूटर या संगणक।


सैद्धांतिक रूप से कम्प्यूटर या संगणक तेजी से और अचूक गणना करने के लिए खोजा गया एक यंत्र है, जो मनुष्य के निर्देशों के अनुसार ही कार्य करता है। लेकिन आज कम्प्यूटर इससे भी बढ़कर और कई जटिल क्रियाएँ कर सकता है। वह उपलब्ध जानकारी को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत कर सकता है। इसके साथ-साथ कम्प्यूटर भविष्य में उपयोग के लिए जानकारियों को संचित भी कर लेता है। इन सब विशेषताओं के कारण कम्प्यूटर विज्ञान की एक अनमोल देन सिद्ध हुआ है। आज छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों के लिए कम्प्यूटर रखना अनिवार्य हो गया है।


कम्प्यूटर लगभग हर प्रकार के कार्य कर सकता है। इसलिए आजकल बैंकों तथा कारखानों में, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों में, अस्पतालों तथा शोध-संस्थानों में, सर्वत्र कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। इसके उपयोग से महीनों का काम चंद घंटों में पूरा हो जाता है। वायुयानों में भी कम्प्यूटर लगे होते हैं। 


वे खराब मौसम में वायुयान-चालक को सही दिशा बताते हैं और परदे पर उड़नपट्टी का प्रतिबिंब उपस्थित कर वायुयान को नीचे उतारने में उसकी मदद करते हैं। आजकल यंत्र-मानव (रोबोट) भी बनाए जाते हैं। जिन स्थानों में तापमान बहुत ऊँचा या अत्यधिक नीचा रहता है, उन स्थानों में यंत्र-मानव भेजे जाते हैं। ये यंत्र-मानव एक तरह की कम्प्यूटर-संचालित मशीनें ही हैं।


अस्पतालों में रोगों का निदान करने तथा उनकी चिकित्सा पद्धति निश्चित करने के लिए कम्प्यूटरों का उपयोग किया जाता है। जटिल ऑपरेशन करने में कम्प्यूटरों की सहायता ली जाती है। मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने में कम्प्यूटरों से अमूल्य सहायता मिलती है। रेलगाड़ियों, वायुयानों आदि से यात्रा करने के लिए टिकटों का आरक्षण भी कम्प्यूटरों द्वारा किया जाता है। अंतरिक्ष संबंधी अध्ययन के लिए कम्प्यूटर बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं। कम्प्यूटरों की सहायता से ही राकेटों, अंतरिक्ष यानों, उपग्रहों आदि का ठीक-ठीक प्रक्षेपण किया जा सकता है।


प्रारंभ में कम्प्यूटरों का आकार बहुत बड़ा होता था। किंतु जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में प्रगति होती गई, कम्प्यूटरों का आकार छोटा होता गया। भविष्य में कम्प्यूटर हमारे दैनिक जीवन की अनिवार्य आवश्यकता बन जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं। गृहिणियों के लिए तो कम्प्यूटर विशेष रूप से उपयोगी होंगे। कम्प्यूटर रसोईघर के उपकरणों को नियंत्रित करेगा, कमरे में झाड़ लगाएगा, कपड़े धो देगा, घर के खर्च का हिसाब रखेगा और गृहस्वामी के आगमन पर उनकी कार के लिए गैरेज का दरवाजा भी खोल देगा। वह गृहस्वामिनी को सभी प्रकार के घरेलू कामों की झंझट से मुक्त कर देगा। तब उन्हें कला, साहित्य, संगीत आदि के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।


संसार के विकसित देशों की तरह हमारे देश में भी कम्प्यूटर-युग की शुरुआत हो चुकी है। किंतु हमारे देश की जनसंख्या बहुत अधिक है। चारों ओर गरीबी और बेकारी का साम्राज्य छाया हुआ है। हमारे देश के सामने सबसे बड़ी समस्या अधिक से अधिक लोगों को काम देने की है। कम्प्यूटर का उपयोग करने से बेकारी बढ़ सकती है।


 बेकारी फैलने से जनता में असंतोष बढ़ता है, जिसके भयानक परिणाम हो सकते हैं। इसके साथ-साथ यह भी सच है कि बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों के सुचारु संचालन तथा वैज्ञानिक प्रगति के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए कम्प्यूटर का सहारा लेना अनिवार्य है। अतः हमें कम्प्यूटर का स्वागत तो करना ही होगा, किंतु सावधानी के साथ। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।