यदि आप मुख्यमंत्री होते तो क्या करते हिंदी निबंध | if i were the prime minister of india essay in hindi

 

यदि आप मुख्यमंत्री होते तो क्या करते हिंदी निबंध | if i were the prime minister of india essay in hindi


नमस्कार  दोस्तों आज हम यदि आप मुख्यमंत्री होते तो क्या करते हिंदी निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे। 

हर व्यक्ति सपने सँजोता और मनोरम कल्पनाएँ करता है। यह मनुष्य का स्वभाव है। मनोरम कल्पनाएँ साकार न भी हों, तो भी विशेष चिंता की बात नहीं होती। वे कुछ समय के लिए ही सही, मन को आनंद तो प्रदान करती ही हैं। मैं भी मनोरम कल्पनाएँ करता रहता है। 


कभी-कभी सोचता हूँ कि यदि मैं अपने राज्य का मुख्यमंत्री होता, तो...मुख्यमंत्री का पद शासन-तंत्र में सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री अपने राज्य का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है। 


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को उनकी योग्यता के आधार पर भिन्न-भिन्न विभाग सौंपता और उनके विभागों एवं कार्यों पर दृष्टि रखता। बहुमत प्राप्त दल का नेता होने पर भी, मैं विपक्षी सदस्यों की बातें ध्यान से सुनता और उनके रचनात्मक सुझावों को साकार करने की कोशिश करता।


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो सबसे पहले राज्य में कानून और व्यवस्था का कड़ाई से पालन करवाता। मैं जनता को शांतिपूर्ण और भयमुक्त जीवन जीने का अवसर प्रदान करने का प्रयत्न करता।

यदि मैं मुख्यमंत्री होता


तो अपने राज्य में उद्योग-धंधों के विकास पर विशेष ध्यान देता। उद्योगों के लिए आवश्यक बिजली, पानी आदि मूलभूत सुविधाओं की उचित आपूर्ति बनाए रखने की मैं यथाशक्ति कोशिश करता। बड़े उद्योगों के साथ-साथ मैं कुटीर एवं लघु उद्योगों के विकास की ओर भी समुचित ध्यान देता।


मैं अपने राज्य में कृषि विकास पर विशेष जोर देता। किसानों को बिजली, पानी, उर्वरकों आदि की पूर्ति सस्ती दर पर करने का प्रयत्न करता। प्राकृतिक आपदा आने पर मैं किसानों की यथोचित सहायता करता। छोटे किसानों का मैं विशेष ध्यान रखता तथा भूमि-सुधार संबंधी कानूनों का कड़ाई से पालन करवाता।


किसी भी राज्य की प्रगति उचित शिक्षा-व्यवस्था पर निर्भर होती है। यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो अपने राज्य में प्राथमिक शिक्षा का व्यापक कार्यक्रम चलाता। लड़कियों के लिए मैं निःशुल्क शिक्षा का प्रबंध करता। मैं तकनीकी शिक्षा पर विशेष जोर देता और विद्यालयों में कम्प्यूटर-शिक्षा अनिवार्य कर देता।



यदि मै मुख्यमंत्री होता, तो अपने राज्य के आदिवासियों एवं गिरिजनों के जीवन को सुखी बनाने के लिए अनेक योजनाएँ बनाता। आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय स्थापित करवाता तथा उन क्षेत्रों में उद्योग-धंधे प्रारंभ करने के लिए उदयोगपतियों को प्रेरित करता। इस बात का मैं विशेष ध्यान रखता कि आदिवासियों और गिरिजनों का शोषण न होने पाए और उनकी कला तथा संस्कृति सुरक्षित रहे।

यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो राज्य के पुलिस प्रशासन को चुस्त बनाता। पलिस विभाग के कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को पुरस्कृत करता तथा पुलिस कर्मचारियों के कल्याण के लिए उचित कदम उठाता। पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने की कोशिश करता तथा पुलिस कर्मचारियों को सच्चे अर्थों में जनता के सेवक बनने के लिए प्रोत्साहित करता।



मैं अपने राज्य से भ्रष्टाचार मिटाने का यथाशक्ति प्रयत्न करता। भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाता तथा सरकारी कार्यालयों में लाल फीताशाही को रोकता। अपने मंत्रियों, उनके सचिवों तथा अधिकारियों को भ्रष्टाचार से दूर रखता और अपराधी पाए जाने पर उन्हें कठोर दंड देता।


सदस्यों को उनकी योग्यता के आधार पर भिन्न-भिन्न विभाग सौंपता और उनके विभागों एवं कार्यों पर दृष्टि रखता। बहुमत प्राप्त दल का नेता होने पर भी, मैं विपक्षी सदस्यों की बातें ध्यान से सुनता और उनके रचनात्मक सुझावों को साकार करने की कोशिश करता।


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो सबसे पहले राज्य में कानून और व्यवस्था का कड़ाई से पालन करवाता। मैं जनता को शांतिपूर्ण और भयमुक्त जीवन जीने का अवसर प्रदान करने का प्रयत्न करता।


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो अपने राज्य में उद्योग-धंधों के विकास पर विशेष ध्यान देता। उद्योगों के लिए आवश्यक बिजली, पानी आदि मूलभूत सुविधाओं की उचित आपूर्ति बनाए रखने की मैं यथाशक्ति कोशिश करता। बड़े उद्योगों के साथ-साथ मैं कुटीर एवं लघु उद्योगों के विकास की ओर भी समुचित ध्यान देता।


मैं अपने राज्य में कृषि विकास पर विशेष जोर देता। किसानों को बिजली, पानी, उर्वरकों आदि की पूर्ति सस्ती दर पर करने का प्रयत्न करता। प्राकृतिक आपदा आने पर मैं किसानों की यथोचित सहायता करता। छोटे किसानों का मैं विशेष ध्यान रखता तथा भूमि-सुधार संबंधी कानूनों का कड़ाई से पालन करवाता।


किसी भी राज्य की प्रगति उचित शिक्षा-व्यवस्था पर निर्भर होती है। यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो अपने राज्य में प्राथमिक शिक्षा का व्यापक कार्यक्रम चलाता। लड़कियों के लिए मैं निःशुल्क शिक्षा का प्रबंध करता। मैं तकनीकी शिक्षा पर विशेष जोर देता और विद्यालयों में कम्प्यूटर-शिक्षा अनिवार्य कर देता।


यदि मै मुख्यमंत्री होता, तो अपने राज्य के आदिवासियों एवं गिरिजनों के जीवन को सुखी बनाने के लिए अनेक योजनाएँ बनाता। आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय स्थापित करवाता तथा उन क्षेत्रों में उद्योग-धंधे प्रारंभ करने के लिए उदयोगपतियों को प्रेरित करता। इस बात का मैं विशेष ध्यान रखता कि आदिवासियों और गिरिजनों का शोषण न होने पाए और उनकी कला तथा संस्कृति सुरक्षित रहे।


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो राज्य के पुलिस प्रशासन को चुस्त बनाता। पलिस विभाग के कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को पुरस्कृत करता तथा पुलिस कर्मचारियों के कल्याण के लिए उचित कदम उठाता। पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने की कोशिश करता तथा पुलिस कर्मचारियों को सच्चे अर्थों में जनता के सेवक बनने के लिए प्रोत्साहित करता।


मैं अपने राज्य से भ्रष्टाचार मिटाने का यथाशक्ति प्रयत्न करता। भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाता तथा सरकारी कार्यालयों में लाल फीताशाही को रोकता। अपने मंत्रियों, उनके सचिवों तथा अधिकारियों को भ्रष्टाचार से दूर रखता और अपराधी पाए जाने पर उन्हें कठोर दंड देता।


मैं अपने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहता। जनता के लिए गाँवों और शहरों में नि:शुल्क चिकित्सा की समुचित व्यवस्था करवाता। _ लोकतंत्र में वास्तविक शक्ति जनता के हाथों में ही होती है। 


यदि मैं मुख्यमंत्री होता, तो हमेशा जनता से संपर्क बनाए रखता। समाज के गरीब और असहाय वर्ग पर होनेवाले अत्याचारों को रोकता और उनकी सुरक्षा की उचित व्यवस्था करता। सच्चे जनसेवकों तथा जनसेवी संस्थाओं को पुरस्कार देकर उनका उत्साह बढ़ाता। राज्य के विद्वानों, बुद्धिजीवियों तथा कलाकारों का भी मैं यथोचित सम्मान करता तथा समय-समय पर पुरस्कृत कर उन्हें संतुष्ट रखता।


यदि मैं अपने राज्य का मुख्यमंत्री होता, तो स्वयं सादगी और ईमानदारी का जीवन जीता और जनता का सच्चा प्रतिनिधि बनने का प्रयास करता। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।