यातायात के साधनों में विज्ञान का योगदान | yatayat ke sadhano me vidnyan ka yogdan

 

 यातायात के साधनों में विज्ञान का योगदान | yatayat ke sadhano me vidnyan ka yogdan 

नमस्कार  दोस्तों आज हम यातायात के साधनों में विज्ञान का योगदान  इस विषय पर निबंध जानेंगे।  मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह नई-नई जगहों की यात्रा करना और नई-नई बातों की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। अपनी इन इच्छाओं को पूरी करने के लिए उसने यातायात के अनेक साधन खोज निकाले हैं। वह लगातार नए-नए साधनों की खोज भी करता जा रहा है।

प्राचीन युग में यातायात के लिए पशुओं का उपयोग किया जाता था। घोड़े, ऊँट, गधे, बैल आदि यातायात के प्रमुख साधन थे। नदी, झील आदि पार करने के लिए नावों का उपयोग किया जाता था। पहिए की खोज ने यातायात के क्षेत्र में क्रांति ला दी। पहियोंवाली तरह-तरह की गाड़ियाँ बनीं, जिनके द्वारा लोग कम समय में दूर-दूर के स्थानों की यात्राएँ करने लगे।

आज के वैज्ञानिक आविष्कारों ने यातायात के क्षेत्र में क्रांति कर दी है। उनके बल पर मानव पृथ्वी का स्वामी बन बैठा है। अब वह अंतरिक्ष पर भी अधिकार जमाने का स्वप्न देखने लगा है।

यातायात के आधुनिक साधनों में रेलगाड़ियों का प्रमुख स्थान है। भाप के इंजन के आविष्कार के बाद यातायात बहुत आसान और सुविधापूर्ण बन गया। जिन स्थानों तक पहुँचने में महीनों लग जाते थे, अब रेलगाड़ियों द्वारा हम वहाँ एक या दो दिन में ही पहुँच जाते हैं। अनेक महानगरों और विकसित देशों में रेलगाड़ियाँ बिजली से चलने लगी हैं। जापान, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में भूमिगत तथा अत्यंत तेज गति से चलनेवाली रेलगाड़ियाँ भी हैं। रेलवे की मदद से वाणिज्य और उद्योग-धंधों में बहुत वृद्धि हुई है। यातायात के आधुनिक साधनों में अनेक प्रकार की कारों, मोटरों, बसों आदि का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। आम जनता के लिए तो बसें और रेलगाड़ियाँ वरदान स्वरूप हैं।

यातायात के क्षेत्र में वायुयानों के प्रवेश से क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। वायुयानों ने मानव की यातायात-संबंधी कठिनाइयों को दूर कर दिया है। इनके कारण दुनिया के देश एक-दूसरे के बहुत नजदीक आ गए हैं और सारा विश्व एक इकाई बन गया है।

आशावाद से मनुष्य सागरों-महासागरों का भी स्वामी बन गया है। उस बनाए छोटे-बड़े जलयान सागरों-महासागरों की छाती चीरते हुए एक देश से दूसरे देश की यात्रा करते रहते हैं। इन जलयानों दवारा भारी मात्रा में माल और बहुत बड़ा सख्याम यात्रियों का परिवहन होता है। अनेक प्रकार के व्योमयानों, अंतरिक्षयानों आदि का निर्माण किया गया है। मानवनिर्मित अंतरिक्ष यान चंद्रमा, मंगल तथा गुरु ग्रहों पर उतर चुक है।

यातायात के आधुनिक साधनों के परिचालन के लिए ईंधन की जरूरत होती है। पहले भाप की शक्ति और पेट्रोल का उपयोग किया गया। अब विद्युत शक्ति और गैस से चलनवाले वाहन बनने लगे हैं। अंतरिक्षयानों में अण ऊर्जा और सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है।

यातायात के इन आधुनिक साधनों के कारण संसार के देशों के बीच की दूरी समाप्त हो गई है। विश्व के वाणिज्य में बहुत वृद्धि हुई है। उद्योग-धंधों का बहुत तेजी से विकास हुआ है। यदि विश्व के किसी कोने में कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो इन साधनों की मदद से संकटग्रस्त लोगों को शीघ्र ही मदद पहुँचा दी जाती है। पर्यटन उद्योग का भी अत्यधिक विकास हुआ है। भिन्न-भिन्न देशों के लोग एक-दूसरे की सभ्यता एवं संस्कृति से परिचित हो रहे हैं और उनके बीच सद्भावना बढ़ रही है।दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।